बुद्धि, विवेक पर डालकर प्रकाश हमें पाठको के समक्ष प्रस्तुत करती है। बुद्धि, विवेक पर डालकर प्रकाश हमें पाठको के समक्ष प्रस्तुत करती है।
मैं अब मजबूत हो गया, एक पल ऐसा आया, जब मैं मशहूर। मैं अब मजबूत हो गया, एक पल ऐसा आया, जब मैं मशहूर।
आज जो कुछ भी हूँ कलम की वजह से हूँ मेरी ताकत है कलम। आज जो कुछ भी हूँ कलम की वजह से हूँ मेरी ताकत है कलम।
कलम से कई दिलों पर राज कर सकते हैं, कलम की जोर से हर सीमा लांघ सकते हैं। कलम से कई दिलों पर राज कर सकते हैं, कलम की जोर से हर सीमा लांघ सकते हैं।
जिसमे भाव न हो, वा कविता नहीं फूट जाये चाहे जब ये वो सरिता नहीं। जिसमे भाव न हो, वा कविता नहीं फूट जाये चाहे जब ये वो सरिता नहीं।
हमपे कर्ज है अपने वतन का यह , दो पल की जिंदगी।। हमपे कर्ज है अपने वतन का यह , दो पल की जिंदगी।।